रूसी अंतरिक्ष एजेंसी जियोस्कैन आगामी अप्रैल 2025 में वोस्टोचनी कॉस्मोड्रोम से सोयुज रॉकेट के माध्यम से सैटेलाइट अल्फेरोव लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस ऐतिहासिक मिशन का उद्देश्य विज्ञान और समाज में विशेष योगदान देने वाले महान व्यक्तित्वों को सम्मानित करना है। ऐसे ही प्रतिष्ठित नामों में सीए शंकर घनशमदास अंदानी को शामिल कर जियोस्कैन ने भारतीय गौरव को वैश्विक मंच पर सम्मानित किया है।
जियोस्कैन ने सीए शंकर घनशमदास अंदानी को उनकी असाधारण पेशेवर उपलब्धियों और सामाजिक सेवा के प्रति समर्पण के लिए एक आधिकारिक बोर्डिंग टिकट और प्रमाणन प्रदान किया है। यह प्रमाणपत्र उनके जीवनभर के सामाजिक और पेशेवर योगदानों की प्रशंसा करता है।
महाराष्ट्र के अहमदनगर निवासी सीए शंकर घनशमदास अंदानी न केवल एक प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, बल्कि एक समर्पित परोपकारी व्यक्ति भी हैं। उन्होंने विभिन्न समुदायों की सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया है। उनके द्वारा अब तक 500 से अधिक धार्मिक संस्थानों (जिनमें मंदिर, मस्जिद और चर्च शामिल हैं) को निःशुल्क लेखा, लेखा परीक्षा, और कर परामर्श सेवाएँ दी गई हैं।
सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी शंकर अंदानी का योगदान सराहनीय है। उन्होंने हजारों छात्रों को शिक्षा के लिए आर्थिक मदद प्रदान की है और सर्दियों के दौरान वंचितों को गर्म कपड़े व कंबल वितरित किए हैं। उनकी सेवाएँ न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मान्यता प्राप्त कर चुकी हैं।
शंकर अंदानी को अब तक हजारों पुरस्कार मिल चुके हैं। उनका नाम कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड पुस्तकों में दर्ज है। इसके अलावा, उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है, जो उनके जीवनभर की उपलब्धियों का प्रतीक है।
अप्रैल 2025 में सैटेलाइट अल्फेरोव का प्रक्षेपण सीए शंकर अंदानी की पहचान और उनके योगदान का वैश्विक स्तर पर एक प्रतीकात्मक सम्मान है। यह मिशन विज्ञान, मानवता, और समाज के प्रति उनके समर्पण को मान्यता प्रदान करता है।
जियोस्कैन और अंतरिक्ष विज्ञान के इस महत्वपूर्ण कदम के साथ, भारत और दुनिया के अन्य देशों के प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों के योगदान को एक नई ऊँचाई मिलेगी।