आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और डिजिटल युग में आंखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ना आम बात हो गई है। लंबे समय तक स्क्रीन पर काम करने, सही पोषण की कमी, या उम्र बढ़ने के कारण आंखों में धुंधलापन नजर आ सकता है। यह समस्या छोटी हो सकती है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह गंभीर बीमारियों का संकेत भी हो सकती है।
धुंधलेपन के संभावित कारण:
- आंखों की थकावट (डिजिटल आई स्ट्रेन): लंबे समय तक कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी स्क्रीन देखने से आंखों में थकावट होती है, जिससे धुंधलापन हो सकता है।
- कॉनजंक्टिवाइटिस या आंखों का संक्रमण: यह एक आम समस्या है जो धुंधलेपन के साथ-साथ लालिमा और जलन का कारण बन सकती है।
- मोतियाबिंद: खासकर उम्र बढ़ने के साथ, आंखों के लेंस में धुंधलापन आ सकता है, जिससे दृष्टि कमजोर होती है।
- ग्लूकोमा: यह आंखों का एक गंभीर रोग है जिसमें ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है और धुंधलेपन के साथ दृष्टि का नुकसान भी हो सकता है।
- ड्राई आई सिंड्रोम: आंखों में नमी की कमी से ड्राई आई सिंड्रोम हो सकता है, जिससे धुंधलापन और जलन महसूस होती है।
- डायबिटिक रेटिनोपैथी: डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में यह समस्या आम है, जिसमें रेटिना को नुकसान होता है और दृष्टि धुंधली हो जाती है।
रोकथाम के उपाय:
- रेगुलर ब्रेक लें: कंप्यूटर या फोन पर काम करते समय हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 फीट दूर किसी चीज को देखें।
- आंखों की सही देखभाल करें: नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें।
- सही आहार लें: विटामिन A, C और E से भरपूर आहार आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
- स्क्रीन ब्राइटनेस का ध्यान रखें: स्क्रीन की ब्राइटनेस को कम रखें और आँखों को आराम दें।
अगर आंखों में लगातार धुंधलापन बना हुआ है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, ताकि किसी गंभीर समस्या का समय रहते निदान हो सके।